रायपुर: Vishnu Deo Sai Govt 15000 Houses छत्तीसगढ़ को मध्य प्रदेश से अलग होकर 24 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन इतन साल बाद भी छत्तीसगढ़ के माथे पर नक्सल समस्या एक कलंक की तरह बनी हुई है। प्रदेश की सत्ता में पूर्व में काबिज रहने वाली सरकारों ने बस्तर के विकास के लिए तो सोची, लेकिन नक्सलियों के खात्मे को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाई। इन 23 सालों के नक्सलियों की घर वापसी के लिए नीतियां तो बहुत बनी, लेकिन कारगर साबित नहीं हुई। क्योंकि पिछली सरकार ने सिर्फ सरेंडर करवाने तक की ही बात सोची थी। वहीं, अब पिछले एक साल से छत्तीसगढ़ की सत्ता में ‘विष्णुदेव’ का राज है, जिनके सफल निर्देशन में नक्सलियों के पुनर्वास के लिए नीति तैयार की गई है जो आगामी दिनों में नक्सलियों की घर वापसी के लिए मिल का पत्थर साबित होगी।
Vishnu Deo Sai Govt 15000 Houses दरअसल छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने लाल गलियारे से हथियार छोड़कर घर वापसी करने वालों को आवास देने का फैसला किया है, ताकि उन्हें रहने के लिए घर की तलाश में भटकने की जरूरत न पड़े। विष्णुदेव सरकार के इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने मुहर लगाते हुए पीएम आवास योजना के तहत 15000 आवास देने की स्वीकृति दे दी है। बता दें कि केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार साय सरकार नक्सलियों के खात्मे को लेकर ताबड़तोड़ काम कर रही है। साय सरकार का नक्सलियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की बात करें तो जवानों ने इस साल एनकाउंटर में 207 नक्सलियों को मार गिरा है।
सीएम विष्णुदेव साय ने हाल ही में नक्सलियों को आवास दिए जाने की जानकारी देते हुए बताया था कि आत्मसमर्पित नक्सलियों और पीड़ित परिवारों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए यह पहल एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 15,000 आवास केवल मकान नहीं बल्कि उन परिवारों के लिए सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक हैं। हमारी सरकार इस योजना को पूरी पारदर्शिता और तत्परता के साथ लागू करेगी। उन्होंने कहा कि यह योजना प्रदेश के विकास और शांति स्थापना की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने कहा कि नक्सल पीड़ित परिवारों और आत्मसमर्पित नक्सलियों को बेहतर जीवन देने के लिए हमारी सरकार संकल्पबद्ध है। पीड़ित परिवारों को आवास मिल जाने से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। यह योजना सामाजिक समरसता और विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होगी।
वहीं, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि इस योजना में विशेष रूप से उन परिवारों को शामिल किया जाएगा जिनका नाम सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 और आवास प्लस 2018 की सूची में शामिल नहीं था। इन नामों को 6 दिसंबर 2024 तक आवास प्लस पोर्टल पर अपलोड करने की अनुमति केंद्र सरकार द्वारा दी गई है। उपमुख्यमंत्री शर्मा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सल पीड़ित परिवारों हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास देने की स्वीकृति हेतु निवेदन किया था परिणामस्वरूप 15 हजार आवास की स्वीकृति भारत सरकार से दी गयी है।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि इस विशेष परियोजना के तहत पुलिस अधीक्षक जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) जिला पंचायत को आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों की सूची प्रदान करेंगे। इसके बाद जिला पंचायत द्वारा इस सूची का सर्वेक्षण और सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन उपरांत कलेक्टर के माध्यम से लाभार्थियों के लिए भूमि का चिन्हांकन किया जाएगा। इसके आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशानिर्देशों के अनुरूप आवास निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में नक्सलियों के खात्मे को लेकर नक्सल प्रभावित राज्यों की बैठब बुलाई थी। बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि नक्सल एरिया में अंतिम प्रहार किया जाएगा, हम मार्च 2026 में नक्सलवाद खत्म कर देंगे। अगर अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाना है तो नक्सलवाद को खत्म करना होगा। LWE के सामने लड़ने के लिए नक्सल प्रभावित क्षेत्रो में कानून को लागू करना जरूर है। उन्होंने बताया कि 30 साल के बाद पहली बार वामपंथी उग्रवाद से मरने वाले लोगों की संख्या 100 से कम रही है। LWE से लड़ाई अब अपने अंतिम चरण में है। 2026 मार्च तक ये देश इस दशकों पुरानी समस्या से मुक्ति पा लेगा। LWE का 85% कैडर की ताकत छत्तीसगढ़ में सिमट कर रह गई है। आज 12 हेलिकॉप्टर 6 बीएसएफ और 6 एयरफोर्स के जवानों को बचाने के लिए तैनात हैं।